एक ऐसे देश की कहानी जिसने पेटी भर - भर कर जनता में पैसे बाँट दिए


कहानी एक ऐसे देश की जिसने अपने देश के गरीब नागरिको को अमीर बनाने के लिए पैसे बांटना शुरू कर दिया 

आज हम एक ऐसे देश की कहानी पढने जा रहे है जिसने अपने देश की गरीबी को मिटाने के लिए अपने देश के सभी लोगों को पैसों की पेटी भर भर कर बाँट दी ताकि वह अपने देश क गरीबी मिटा सके लेकिन इसके बाद जो हुआ वो वास्तव में पूरे विश्व के लिए आज भी एक उदहारण है /  इस कहानी से हमें भी बहुत कुछ सिखने को मिल सकता है इसलिए इस कहानी को पूरा पड़ना / 

इस देश की कहानी पढे इसे पहले हमारे लिए इस देश के बारे में जानने बहुत जरुरी है इस देश का नाम है जिम्बावे,

जिम्बब्वे एक प्रसिद्ध देश है जिसका प्रेजिडेंट  एमर्सन मनंगाग्वा है                                         

जिम्बाब्वे की राजधानी Harare है |  (president of zimbabwe)

जिम्बाब्वे की मुद्रा डॉलर है| 
जिम्बाब्वे का dialing  code +263 है| 
जिम्बाब्वे की जनसँख्या 14,862,924  सदस्य है|  (population of zimbabwe)
 आज हम आपको जिम्बाब्वे की एक घटना बताते हैं , जो की सन 2008 की है 
सन 2008 में जिम्बाब्वे का प्रेजिडेंट रोबर्ट मुगाबे थे | वे अपने देश से अत्यधिक प्रेम करते थे हमेशा वे एक - दो महीनो में घूमते रहते थे| हर बार  की तरह वे अपने देश में घूमने के लिए जाते है वे बहुत सी जगह घूमते है पर हर जगह पर एक ही चीज देखते है की हर जगह पर गरीब लोग बैठे है भीक मांगते हुए दिखाई दे रहे है या फिर एक दूसरे सिर्फ थोड़ी सी जमींन के लिए लड़ने में लगे है गाली गलोच करने में लगे है | हर जगह सिर्फ और सिर्फ गरीबी  छाई हुई है |  इस तरीके से तो हमारे देश की G.D.P  बहुत निचे आ  जाएगी  प्रेजिडेंट रोबर्ट  मुगाबे ये सब देख कर अपने मन में बहुत दुखी होते थे लेकिन वो  कुछ कर भी नहीं सकते थे यह सब देखकर के जीम्बाब्वे के प्रेजिडेंट ने अपनी प्रजा के लिए जो की बहुत गरीब होती जा रही  थी उन लोगो के लिए उन्होंने सोचा की हमारी प्रजा इतनी गरीब है इसके लिए हमें कुछ करना चाहिए जिससे की हमारी प्रजा भी आगे बड़ जाये और पूरी दुनिया में हमारा देश सर्वप्रथम पर आ जाये ये सब सोच कर रोबर्ट मुगाबे कुछ महीनो तक सोये भी नहीं थे, और अगर सोते भी थे तो उन्हें नीद नहीं आती और बस  एक ही ख्याल आता की अपने देश की गरीबी कैसे हटाई जाये और देश को कैसे सर्वप्रथम बनाया जाये। और गरीवी को कैसे मिटाया जाये | 



फिर कुछ महीनो बाद उन्हें एक विचार आता है, की यदि हम अपने देश में एक भी गरीब इंसान न रहने दे तो|  हमारे देश के सभी गरीब इंसान को  अमीर कर दें, तो इस तरीके से हमारे देश की जी0डी0पी भी बढ़ जाएगी और तो और हमारा देश पेसो के मामले में सर्वप्रथम नंबर पर आ जयेगा| और हम पुरे देश पर राज कर सकेंगे इस तरह पूरी दुनिया में हमारा ही हुकुम चलेगा | हम जो चाहेंगे वो करबा सकेंगे | तो इस सबको जारी रखने के  लिए उन्होंने बहुत दिनों तक विचार किया उलटे  सीधे काम भी करने चाहे   लेकिन उनमे सफलता हासिल नहीं हुए क्युकी  वो सब करने से पहले उन्हें लोगो से सलाह लेनी पड़ती थी | फिर  उन्होंने सोचा की अगर हम अपने देश में हर एक नागरिक के पास एक एक बड़ा वाला कार्टून भर कर पैसे सबके घर पर फिकबा दिए जाये तो इससे हर एक नागरिक के पास पैसे होंगे हर एक व्यक्ति अपने मन चाहे ढंग से रह सकेगा जो  चाहेगा वो कर सकेगा इस तरह कोई भी इंसान गरीब प्रजाति में नहीं आएगा | 


 सब  अपने आप में एक आमीर इंसान बन जायेगा इस  तरह से अपना देश भी गरीब नहीं रहेगा सब लोग अमीर हो जायेंगे  सब अमीर प्रजाति में आएंगे सब लोग अपने मन चाहे ढंग से कही भी घूम सकेंगे जो चाहे जो  कर सकेंगे इससे हमारे देश की जी0डी0पी भी बढ़ जाएगी और तो और सभी लोग प्रथम श्रेड़ी में आया करेंगे लेकिन ये सब करने से पुरे देश पे क्या प्रभाब पड़ेगा इसके वारे में जाने बिना ही ज़ुम्बाब्वे ये कदम उठाने जा रहा था और  चीजों ये बेखबर था की भविष्य में ये सब चीज कितनी पीड़ा दे सकती है | लेकिन  प्रेजिडेंट रोबर्ट मुगाबे पे तो भूत सवार था की अपने देश की गरीवी को कैसे हटाए | इन सब चीजों से बेखबर होकर  प्रेजिडेंट रोबर्ट मुगाबे ने ये फैशला ले लिया यहाँ तक तो ठीक था की ये सब  फैसला ले लिया लेकिन आष्चर्य की बात तो यह हो गयी  की ये सब करने से पहले  प्रेजिडेंट रोबर्ट मुगाबे ने किसी को ये सब बताया नहीं और तो और किसी की सलाह नहीं ली | 
इस सब के बाद प्रेजिडेंट रोबर्ट मुगाबे ने रातो ही रातो में सबके घरो में एक-एक , दो- दो  कार्टून पेसो से भर कर  छतो से फिकबा दिए ये काम लगभग 1 महीने चला इस सबके बाद जितने भी गरीब लोग थे वो सब बहुत खुश हुए उन्हें ऐसा लगा की रात ही रात में भगवान ने उनकी मदत की हो भगवान ने ये पैसे भेजे हो इस तरीके से प्रेजिडेंट रोबर्ट मुगाबे उन सब गरीब लोगो  के लिए भगवान बन गया था ये पैसे देख कर पहले तो सब लोग अपनी अपनी जरूरते पूरी करने लगे कोई कपडे खरीदने लगा कोई कार खरीदने लगा तो कोई घर | सब लोग अपनी जरूरते पूरी कारने में लगे हुए थे| इस समय तक सरकार ने सभी छोटे नोट और सिक्के बंद कर दिए थे यह सब देख कर बाजारों में महगाई छाने लगी क्यों वस्तुएँ कम पड़ने लगी और लोगो को उन चीजों के प्रति मांग बढ़ने लगी क्यों की जहाँ उस चीज को 2 या 4  लोग खरीते हते आज सब अमीर होने के  कारण सबको उस चीज की जरूरत पड़ने लगी|   वहा के  बाजारों में हपडा थपड़ी मच गयी | 


जो चीज सौ डॉलर की मिलती थी अब महगाई के कारन वो चीज हजार की मिलने लगी | वहां  के बाजार आसमान छूने  लगे |  ये सब देखते हुए वहां की सरकार सोचने लगी  ऐसे तो कुछ नहीं हो पायेगा | इस तरीके से लोग लड़ने और लगेंगे अगर लोगो की जरूरते पूरी नहीं की तो सब सड़को पर आ जाएंगे  ये सब को देखते हुए वहाँ की सरकार ने  दस हजार का नोट निकाल दिया यह सोच कर की अब लोगो को बोरी भर कर पैसे लने की जगह सिर्फ एक-दो नोटों से काम चल जाया करेगा कुछ समय तक ऐसा चलता रहा लेकिन बाद में चीजे और ज्यादा महँगी होने लगी अब जो चीज 100 डॉलर की थी बो अब 100 ,000 डॉलर की हो गयी अब फिर ऐसा ही कुछ दिन चला चीजे और ज्यादा काम पड़ने लगी  | लोगो की जरूरते पूरी नही हो पा रही थी फिर सराकर ने सोचा की और एक बड़ा नोट निकाले फिर और नोट निकलते गए इसी तरह 
10 डॉलर ,  1000 डॉलर,   50,000 डॉलर,   100,000  डॉलर,  500,000 डॉलर, 1000,000 डॉलर,  500,000,000 डॉलर,    25000,000,000 डॉलर,     100,000,000 डॉलर,     10,000,000,000 डॉलर,   100 ,000,000,000 डॉलर  और  10,000,000,000,000 डॉलर /




इस घटना बाद जिम्बाब्वे देश  तरह से हिल गया सरकार चाह कर भी कुछ नहीं करवा पा रही थी |  
फिर इसके बाद सरकार ने  सोचा  की अगर ऐसा ही चलता रहा तो फिर देश और देश की जी0डी0पी खतरे में आ जाएगी और हम कही के नहीं रहेंगे | इस बजह से फिर सरकार ने वहाँ के लोगो पर से सारे डॉलर्स वापस लिए गए और उनमे आग लगा दी गयी जितने भी डॉलर्स थे वो सरे नस्ट कर दिए गए और पहले की तरह वही पुराने छोटे वाले  डॉलर्स चलाये गए |  इस तरह गरीब  लोग फिर से सड़क पे आ गए /  अब उन लोगों के हालत बहुत ज्कयादा ख़राब हो गए थे / आज  वो इस जगह पर आ गए की  उनके लिए खाने  भी पैसे नहीं थे जिससे की सके और अपना जीवन व्यतीत कर सके अब वह के लोग पहले से भी अधिक गरीब हो  गए इस  घटना के बाद वहां  की अर्थव्यवस्था कमजोर पड गए लोग नोकरियो लिए भटकने लगे इस घटना के बाद वहा सरकार को बहुत अच्छा सबक मिला जिम्बाब्वे आज तक होश में नहीं आया है वहां के लोग अभी भी भूंक मरी से मर रहे है | 


तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हमने  जिम्बाब्वे के बारे में जाना और  देखा की किस तरह वहाँ की सरकार ने मूर्खता की उम्मीद करते है की हम सबने आज यह जाना की अगर किसी देश की सरकार जनता में पैसे बाँट दे तो क्या होगा |  फ्रेंड्स आशा करते है आज की पोस्ट आपको बहुत अच्छी लगी होगी | अगर आप अपना कोई भी विकल्प करना चाहते है तो निचे दिए गये कमेंट बॉक्स में बता सकते है ||
 



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